Follow us:

Blog


Dhokha Kha Lena... Par Dena Mat...

Posted on 19-Jun-2023 03:09 PM
धोखा खा लेना... पर देना मत
 
अक्टूबर, 2020 की बात है तारा के एक पुराने कार्यकर्ता श्री राजेन्द्र औदिच्य हमारे पास आए उन्होंने तारा में कुछ समय कार्य किया था फिर वे मुम्बई में कैटरिंग का काम करते थे इसलिए तारा छोड़ दिया था। उस समय जब आए तो उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण कैटरिंग का काम बंद हो गया है और मेरे पास आय का कोई साधन नहीं है लगभग गिड़गिड़ाते हुए उन्होंने काम माँगा। जब राजेन्द्र हमारे पास आए तो हम भी अच्छी स्थिति में नहीं थे क्योंकि कोरोना काल चल रहा था। ऐसे में लगभग नगण्य दान के संस्था चलाना बहुत मुश्किल था लेकिन, हमने सोचा कि जहाँ इतने कार्यकर्ता चल रहे हैं वहाँ यदि हमारे पुराने साथी को जरूरत है तो इंसानियत के नाते भी राजेन्द्र औदिच्य को तारा संस्थान में ले लिया गया। उन्हें मुम्बई व महाराष्ट्र के कुछ शहरों से डोनेशन लाने का काम दे दिया गया और यह भी बताया गया कि मुख्य रूप से दान पर आधारित संस्था है तो हम इतना ही मानदेय दे पायेंगे जो मूलभूत जरूरतें पूरी कर सके।
 
अब सीधे मई, 2023 की बात करें। श्री राजेन्द्र औदिच्य ने तारा संस्थान से इस्तीफा दे दिया कि उन्हें अपना कैटरिंग का व्यवसाय करना है। इस्तीफा स्वीकृत किया लेकिन थोड़ा आश्चर्य तब हुआ जब उनके साथ ही मुम्बई, महाराष्ट्र, सूरत और हैदराबाद में काम कर रहे श्री संतोष शर्मा, श्री कैलाश प्रजापत, श्री नारायण शर्मा और श्री प्रकाश आचार्य ने भी अलग-अलग व्यवसाय करना बता कर इस्तीफा दिया। अब माथा ठनका कि ऐसा क्यों कर रहे हैं। लेकिन कोई जा रहा हो तो हम कैसे रोक सकते हैं सो अच्छे से उनको विदा किया।
 
वो कहते हैं ना कि मनुष्य की छठी इंद्रीय कई बार जो संदेश देती है वो सही होता है वैसा ही हुआ। कुछ ही समय बाद उनकी असलियत सामने आ गई जब हमारे दानदाताओं को हमारे यहीं से गई कुछ लड़कियों जिनमें डिम्पल आदि ने कॉल करना शुरू किया ‘‘सेवातीर्थ चैरिटेबल ट्रस्ट’’ के नाम से। दान लेने के लिए उन्होंने जो Leaflet व्हाट्सएप पर भेजा वो हुबहू तारा की योजनाओं का था। पैम्फलेट बना लेना तो बहुत ही आसान होता है लेकिन मेरी निगाह में उसमें अधिकतर ठोस योजनाएँ या तो थी ही नहीं या उन्हें प्रस्तावित बता दिया :
 
  • वृद्धाश्रम भूमि हेतु दान जबकि कोई भूमि कहाँ है उसका जिक्र नहीं?
  • वृद्धाश्रम भवन प्रस्तावित जबकि भूमि कहाँ है पता नहीं?
  • बच्चों का स्कूल खुद का नहीं तो फिर किन्हें सम्बल दे रहे हैं?
  • तारा से छोड़े हुए सारे कार्यकर्ता ही ट्रस्टी हैं तो वो क्या दान का पैसा स्वयं पर खर्च करेंगे?
  • इन कार्यकर्ताओं में से कुछ ने तारा संस्थान में पैसों को लेकर अनियमितताएँ की थी लेकिन उनके लिखित माफीनामे के बाद उन्हें कार्य पर रखा गया ताकि उनका परिवार सही से चलता रहे।
 
गहराई में जायेंगे तो बहुत सी बातें और सामने आ जायेंगी उनके इस कदम से उनको तो बहुत फायदा नहीं होगा क्योंकि बिना काम के आप कितने समय तक दान ले सकते हो लेकिन जो सबसे बड़ा नुकसान वो कर रहे हैं कि तारा संस्थान के दानदाताओं को ही बार-बार फोन करते हैं जिससे आप सब परेशान हो जाते हैं और तारा में डोनेशन पर भी फर्क आ सकता है और हमें कुछ योजनाएँ बंद या कम करनी पड़ सकती हैं। वे अधिकतर दानदाताओं को यह भी कह रहे हैं कि ‘‘सेवातीर्थ चैरिटेबल ट्रस्ट’’ तारा का ही हिस्सा है या इसी से मिलता जुलता कुछ जो कि भ्रम पैदा कर रहा है। उनके गलत करने पर हमने पुलिस थाने में परिवाद भी दाखिल किया है।
 
दान का जो नुकसान होगा उसकी भरपाई ईश्वर कर देगा ये मेरा दृढ़ विश्वास है क्योंकि सही नीयत से काम हो तो कोई आपको नहीं रोक सकता है लेकिन जो एक धोखा या छल जिस तरह से दिया गया वो व्यथित करने वाला था और यह व्यथा न सिर्फ काम की हानि करती है व्यथा इस बात की है कि उन्होंने नवम्बर 2022 में ही संस्थान बना ली थी यानि कि 6 महीने तक तारा संस्थान को खोखला करने का प्रयास किया फिर संस्थान छोड़ दिया।
 
मेरे पापा आदरणीय कैलाश जी ‘मानव’ कहते थे कि बेटा ‘‘धोखा खा लेना पर कभी किसी को धोखा देना मत’’। छल चाहे अपने करें चाहे पराऐ तकलीफदेय होता है और तन या धन से ज्यादा तकलीफ मन की हुई है। मुझे जो पीड़ा हुई आपको इसलिए बताई कि आज जिस तरह से घटनाक्रम हुआ है उसे समझे और तारा संस्थान का सम्बल बने रहें। वो कहते हैं ना कि A friend in need is a friend indeed सो बस इस पीड़ा की दवा आपका प्यार और आशीर्वाद है बाकी तो समय अच्छा हो या बुरा गुजर ही जाता है।
 
आदर सहित...
 
- कल्पना गोयल
 
पुनश्च
  • यदि तारा संस्थान के कार्यकर्ता आपके पास दान लेने नहीं आ पाए हों तो आप ऑनलाइन या चेक को पोस्ट से भेज दें।

Blog Category

WE NEED YOU! AND YOUR HELP
BECOME A DONOR

Join your hand with us for a better life and beautiful future