नया साल नया संकल्प
कभी हँसाती है तो कभी रुलाती है, ये जिंदगी भी न जाने कितने रंग दिखाती है, हँसते हैं तो भी आँखों में नमी आ जाती है।
दुआ करते हैं कि नए साल के अवसर पर हमारे ‘‘अपनां’’ के होंठों पर सदा मुस्कराहट रहे....
क्योंकि उनकी हर मुस्कराहट हमें खुषी दे जाती है।
मनुष्य के जीवन में हर पल कुछ नया घटित होता है और जीवन की ये नवीनता ही मनुष्य को चलायमान रखती है। नया हमेशा अच्छा ही हो ये जरूरी भी नहीं है लेकिन क्या है ना कि सब अच्छा ही हो तो शायद जिंदगी नीरस हो जाये... आप जब ये लेख पढ़ रहे होंगे तब तक हम नये वर्ष 2016 में प्रवेश कर लेगें। ये जो नव वर्ष आगमन को मनाना है ना, ये भी आनन्द प्राप्त करने का एक अवसर भर है। और हम लोग ऐसे एक भी अवसर को बेकार नहीं जाने देते हैं चाहे वह दीपावली, होली या कोई और त्योहार हो, क्योंकि ये ही तो कुछ पल होते हैं जब हम भाग दौड़ भरी जिंदगी से हट कर खुशियाँ लेते और बाँटते हैं....
तो वर्ष 2016 तारा संस्थान के लिए भी खुशियाँ लेने और बाँटने वाला होगा.... वैसे तो तारा संस्थान में आप और हम मिलकर जो काम करते हैं वो हर पल खुशी देता है लेकिन इस वर्ष में हम एक छोटा सा कदम और आगे बढ़ाने का प्रयत्न कर रहे हैं.... जी हाँ आप समझ ही गए होंगे ‘‘नए आनन्द वृद्वाश्रम के निर्माण का प्रारम्भ ’’।
जैसा कि आपको हमने तारांशु के माध्यम से बताया ही है कि एक प्लाट ले लिया गया है और ऐसा विश्वास है कि वर्ष 2016 में उसके ऊपर निर्माण कार्य प्रारम्भ हो जाए। आप सभी से भूमि के लिए सहयोग की अपेक्षा कर ही रहे हैं और आप सभी खुले हाथों से अपना सहयोग दे रहे हैं। तारा संस्थान से जुड़कर सबसे बड़ा सुख यही तो मिलता है कि कोई भी प्रकल्प हो दानदाता हमारे साथ हमारी ताकत बन कर खडे़़़ होते हैं और यही ताकत नये प्रकल्प जोड़ती है जिससे कुछ और लोगों का भला होता है।
ये क्रम निरंतर चलता रहेगा और बहुत से लोग जुड़ते रहेंगे। जब भवन निर्माण प्रारभ होगा तब भी हम आप सबसे अपेक्षा रखेंगे और हमें पता है कि हमारा परिवार हमारी हर अपेक्षा पूर्ण करेगा और नये साल में एक ऐसे वृद्धाश्रम का निर्माण प्रारंभ होगा जिसमें 150-200 बुजुर्ग अपने जीवन की एक निश्चित शाम बिता सकें.....
आदर सहित...!
दीपेष मित्तल
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