"Mera Peehar - Meri Beti"
‘‘मेरा पीहर - मेरी बेटी’’
थोड़ा अजीब सा टाइटल है ना लेकिन इस अजीब से टाइटल ने कुछ बेटियों के और हमारे लिए एक दिन यादगार बना दिया। दरअसल कुछ दिनों पहले कल्
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‘‘मेरा पीहर - मेरी बेटी’’
थोड़ा अजीब सा टाइटल है ना लेकिन इस अजीब से टाइटल ने कुछ बेटियों के और हमारे लिए एक दिन यादगार बना दिया। दरअसल कुछ दिनों पहले कल्
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अपना घर
हर माह आपसे रुबरु होने का तारांशु एक साहित्यिक माध्यम है, सोशल मीडिया के इस युग में प्रिंटेड पढ़ना भी अब ‘‘कुछ अलग’’ हो गया है।
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छुट्टी गर्मी की...
हमारे देश की खूबसूरती ही यह है कि यहाँ सारे मौसम है और हर मौसम अपने चरम पर पूरे शवाब से आता है। ठिठुरती ठंड में अलाव, कोट और रजाई, बारिश में छाता और बरसाती और
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जोश से भरे बच्चे
तारा संस्थान में हम एक सायंकालीन स्कूल चलाते हैं, जिसका नाम है ‘‘मस्ती की पाठशाला’’। इसका विचार मेरे मन में तब आया था जब मैंने कुछ बच्चो
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जीवन का मूल मंत्र
एक राजा ने अपने दरबार में घोषणा की कि मुझे एक ऐसा मंत्र चाहिए जो सारे मंत्रों से ऊपर हो जिसका हर परिस्थिति में उपयोग हो सके। सारे मंत्री और दरबारी परेशान हो गए कि
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ऐ मेरे वतन के लोगों...
लता जी का ये गाना कहते हैं नेहरू जी की आँखों में पानी ले आया था और हम सब भी जब भी ये गाना सुनते हैं हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इसी गाने की एक पंक्ति ये
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गेहूँ के दाने...
एक कहानी सुनी थी जो कुछ इस प्रकार थी। एक राजा के 3 बेटे थे, राजा बहुत ही सोच में रहते थे कि इनमें से किसे अपना उत्तराधिकारी बनाऊँ क्योंकि वे चाहते थे कि सबसे श्
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उड़ी उड़ी रे पतंग...
1 जनवरी की सुबह मैं घर से निकला तो गाड़ी सीधे ‘‘तारा’’के नये वृद्धाश्रम भवन की तरफ मोड़ ली क्योंकि मुझे न्योता था कि आज आनन्द वृद्धाश्रम
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