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Tara Sansthan Blog

  • 20-Aug-2018

    Ek Sneh Bhara Nimantran

    एक स्नेह भरा निमंत्रण

    तारा संस्थान पिछले 6 वर्षों में जो कुछ भी कर पाया उसके पीछे सबसे बड़ी ताकत आप लोग हैं जो अपनी मेहनत की कमाई में से कुछ अंश हमें भेज देते हैं। सिर्फ इसलिए कि कोई परेशान या दुःखी हो तो उसकी तकलीफ कम हो जाए। एक ऐसी दुनिया जहाँ देने वाले को पता नहीं कि उसके धन से किसका

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  • 20-Aug-2018

    Naya Saal... Naye Sapne... Nayi Ummeede...

    नया साल.. नये सपने.. नयी उम्मीदें..

    आप सभी को पूरे तारा परिवार की तरफ से नये साल 2018 की ढेर ढेर शुभ- कामनाएँ। इस साल की सबसे खूबसुरत बात है कि आप और हम मिलकर उन बुजुर्गों को एक ऐसा उपहार देने जा रहे हैं जिन्हें एक प्यार भरा हाथ चाहिये जो उनके जीवन के अंतिम सफर को आसान बनाए। जी हाँ, नया

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  • 20-Aug-2018

    Maa Ki Aas...

    माँ की आस....

    आज से कोई 3-साढ़े 3 साल पहले मेरे पास एक युवक आया कि मैं यहाँ तारा नेत्रालय में आँख दिखाने आया हूँ और मुझे पता चला कि आप वृद्धाश्रम चला रहे हो तो हमारे मोहल्ले में एक बुजुर्ग महिला है जिनका कोई नहीं है तो आप उन्हें रखेंगे क्या? मैंने सहमति दी और जैसा कि अमूमन होता है उन बुज

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  • 20-Aug-2018

    Daani

    दानी

    अभी कुछ दिन पहले हमारे दिल्ली के कार्यकर्ता ने एक दानदाता से बात करवाई जो बन रहे नए वृद्धाश्रम के लिए दान देना चाहते थे, उन्होंने मुझसे पूछा कि आपने ये जो नाम दिए हैं भवन निर्माण दधीचि (1,00,000/- दान हेतु), भवन निर्माण कर्ण (51,000/- दान हेतु), भवन निर्माण भामाशाह (21,000/- दान हे

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  • 20-Aug-2018

    Jeevan Chalne Ka Naam

    जीवन चलने का नाम

    पिछले दो माह से भी कम समय में आनन्द वृद्धाश्रम में पाँच वृद्ध हमें छोड़कर चले गए। कुछ को थोड़ा समय हुआ था कुछ बहुत समय से हमारे साथ थे। अंजली आंटी तो मार्च 2012 यानी कि आनन्द वृद्धाश्रम परिवार का हिस्सा थी। वे अपने पति श्री दिगेन्द्र नाथ जी लहरी के साथ यहाँ आई थी। उनके पत

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  • 20-Aug-2018

    Sundar Si Duniya

    सुंदर सी दुनिया

    तारांशु एक ऐसा माध्यम है जिससे हम आपसे रू-बरू हो पाते हैं, हमारे विचार आप तक पहुँचाने का सबसे अच्छा तरीका है यह... और हाँ आप भी तो ‘‘तारांशु’’ पढ़कर हमें पत्र लिखते हैं, लेखन में अच्छे शब्दों से ज्यादा महत्त्व भावों का है और आपके भाव हमारे दिल को छ

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  • 20-Aug-2018

    Hum Bhi Agar Bachche Hote...

    हम भी अगर बच्चे होते...

    जी हाँ बचपन की यादें हमेशा हमारे मन पर अमिट छाप की तरह अंकित हो जाती है। जब कभी स्कूल के पुराने साथी मिलते हैं तो इतनी इतनी बातें होती हैं और उन बातों में अकसर जिक्र होता है उन खेलों का जो अब भूला से दिए गए हैं। 
    जब इस बार की तारांशु बना रहे थे तो सोच

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  • 20-Aug-2018

    Paropkaari Shri O.C. Jain Sb.

    परोपकारी श्री ओ.सी. जैन सा.

    नारायण संस्थान और फिर तारा संस्थान दोनों में मिलाकर देखूँ तो मुझे 16 वर्ष हो गए इस क्षेत्र में काम करते हुए और मुझे नहीं लगता कि इससे बेहतर कोई काम हो सकता है क्योंकि जिन लोगों को यहाँ से फायदा हो रहा है उनका प्यार तो मिलता ही है लेकिन जो सबसे बड़ा सुख है वह ह

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  • 20-Aug-2018

    Khushiyo Bhari Deepawali

    खुशियों भरी दीपावली

    त्योहार कोई भी हो वो प्रतीक ही खुशियों का होता है और दीपावली तो हमारा सबसे बड़ा त्योहार है। हर व्यक्ति चाहे तो गरीब हो या अमीर अपने-अपने तरीके से खुशियाँ मनाता है और वैसे भी खुशी का मापदंड कभी भी धन रहा ही नहीं है। मेरा कभी भी यह मानना नहीं रहा कि व्यक्ति के पास धन नह

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  • 20-Aug-2018

    90 Varsh Ke Javaan...

    90 वर्ष के जवान...


    आप और हम मिलकर तारा संस्थान के माध्यम से उन बुजुर्गों की मदद कर रहे हैं जो कि जरूरतमंद हैं। तीनों वृद्धाश्रमों में जो भी बुजुर्ग आते हैं उनकी उम्र का 60 वर्ष से ऊपर होना जरूरी है यानी कि हम यह मानते हैं कि 60 वर्ष से जो ऊपर हैं वो बुजुर्ग है.... लेकिन क्या वाक

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